समस्त देशवासियों को रामनवमी की हार्दिक बधाई।इस पावन पर्व पर फिर से विचार करें, इस देश की सरकार का,जिसने अपने शपथपत्र में इस देश की आस्था के प्रतीक श्रीराम के अस्तित्व को ही नकार दिया। और अव उनके द्वारा बनवाये गये रामसेतु को हिन्दुओं का तीर्थ मानने से ही इन्कार कर दिया है। रामसेतु जैसे पुकार रहा है-~हे राम ! त्राहि माम् । इस आर्तनाद को सिंहनाद वनाने के लिए आज आवश्यकता है-एकनिष्ठ देशभक्ति की,अडिग राष्ट्राभिमान की,और उत्कृष्ट राष्ट्रभक्ति की।
हम राम-सेतु के कण -कण को देवता मानकर जीते हैं।
इस रामसेतु को माँ सीता का पता मानकर जीते हैं ।।
इन भग्न शिलाओं पर अपना गौरव भुजवल अभिमान खड़ा।
इसकी देहली पर राम- नाम दीपक से हिन्दुस्थान खड़ा॥
इसको मत समझो रामसेतु यह तो जयकेतु विधाता का।
पूरे भारत का दिव्य तीर्थ यह मन्दिर भारतमाता का॥
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