निवेदिता
डा.मालती मिश्रा का ब्लॉग
शनिवार, 19 मई 2012
किसी का दर्द जब हद से गुजर जाता है
समंदर का पानी आँखों में उतर आता है|
कोई बना लेता है रेत से आशियाना
किसी का लहरों में सब कुछ बिखर जाता है|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें