सोमवार, 27 मई 2013

कबूतर जाल में और बहेलिये की दौड़ :

एक बार कबूतरों का झुण्ड, बहेलिया के बनाये जाल में फंस गया सरे कबूतरों ने मिलकर फैसला किया और जाल सहित उड़ गये "एकता की शक्ति" की ये कहानी आपने यहाँ तक पढ़ी है इसके आगे क्या हुआ वो आज प्रस्तुत है
बहेलिया उड़ रहे जाल के पीछे पीछे भाग रहा था एक सज्जन मिले क्यों बहेलिये तुझे पता नही की एकता में शक्ति होती है तो फिर क्यों अब पीछा कर रहा है बहेलिया बोला "आप को शायद पता नही की शक्तियों का दंभ खतरनाक होता है जहां जितनी ज्यादा शक्ति होती है उसके बिखरने के अवसर भी उतने ज्यादा होते है"
सज्जन कुछ समझे नही बहेलिया बोल आप भी मेरे साथ आइये सज्जन भी उसके साथ हो लिए
उड़ते उड़ते कबूतरों ने उतरने के बारे में सोचा एक नौजवान कबूतर ने कहा किसी खेत में उतार जा...ए वहां इस जाल को कटवाएँगे और दाने भी खायेंगे
एक समाजवादी टाइप के कबूतर ने तुरंत विरोध किया की गरीब किसानो का हक़ हमने बहुत मारा अब नही
एक दलित कबूतर ने कहा जहाँ भी उतरे पहले मुझे दाना और जाल से पहले मैं निकलूंगा क्युकी इस जाल को उड़ाने में सबसे ज्यादा मेहनत मैंने की
एक बुजुर्ग कबूतर ने कहा इस जाल को उड़ाने का प्लान मेरा था अत: मेरी बात सबको माननी पड़ेगी
एक तिलक वाले कबूतर ने कहा किसी मंदिर पर उतरा जाए भगवन की कृपा से खाने को भी मिलेगा और जाल भी कट जायेंगे
टोपी वाले कबूतर ने तुरंत विरोध किया उतरेंगे तो सिर्फ किसी मस्जिद पर ही
अंत में सभी कबूतर एक दुसरे को धमकी देने लगे की मैंने उड़ना बंद किया तो उड़ नही पायेगा सिर्फ मेरे दम पर ही ये जाल उड़ रहा है और सभी ने धीरे धीरे करके उड़ना बंद कर दिया अंत में वो धरती पर आ गये
और बहेलिया आकर उनको जाल सहित पकड़ लिया
सज्जन गहरी सोच में थे बहेलिया बोल क्या सोच रहे है महाराज
सज्जन बोले "जब मैंने समाज सेवा शुरू किया तब मुझे लगने लगा की मैं ही एक समाज सेवक हूँ जिससे ये समाज चल रहा है अत: सभी को मेरे हिसाब से चलना चाहिए लोग नही चले तो मैंने समाज सेवा बंद कर दी समाज अब भी चल रहा है पर उसमे जो मेरा काम था वो अभी भी अधुरा है और मेरी तरह दुसरो ने भी बंद कर दिया तो समाज ख़त्म हो जायेगा आज यही हालत इन कबूतरों की हुयी किसी एक कबूतर से जाल नही उड़ सकता था पर जाल उड़ाने के लिए हर कबूतर जरुरी था"
"जिस तरह कोई एक अच्छा व्यक्ति समाज नही बदल सकता परन्तु समाज बदलने के लिए हर एक अच्छे व्यक्तियों होना जरुरी है"

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