शनिवार, 25 जुलाई 2015

हिंदू चिंतन से जीवन में शांती और समाधान मिलेगा इसीलिए आज विश्व उसे आत्मसात करना चाहता है, ऐसा विचार वंदनीय प्रमुख संचालिका मा. शांताक्काजी ने राष्ट्र सेविका समिति की अर्धवार्षिक बैठक के समापन कार्यक्रम में व्यक्त किया। शांताक्काजी ने आगे कहा की, त्याग आधारित जीवन बिताने से शाश्वत आनंद प्राप्त होता है इस दृष्टी से समिति कार्य भी समर्पित भाव से करना है। जिस तरह योग्य दबाव एवम उष्णता कोयले के अंदर छिपे हिरे को बाहर निकालता है वैसेही त्याग एवम साधना से कार्यकर्ता के अंतर्निहित गुण उभरकर आते है। ऐसे कार्यकर्ताओं के माध्यम से समर्थ राष्ट्र का निर्माण होता हैं।

राष्ट्र सेविका समिति द्वारा त्रिदिवसीय अर्धवार्षिक बैठक का आयोजन देवी अहिल्या मंदीर नागपूर, 17 जुलै से 19 जुलै 2015 में संपन्न हुर्इ ।


इस बैठक में राष्ट्रहित के लिए सजग होकर राष्ट्र के विकास में समस्त नागरिकों को बहुमूल्य योगदान देने का तथा भावी पीढी, समाज व देश का उज्ज्वल भविष्य निर्माण करने के लिए हम अपने बच्चों को अपने राष्ट्र की आशाओं के अनुरूप गढने की दिशा मे सार्थक कदम उठाए ऐसा आवाहन किया गया। तथा बैठक में जम्मु-काशिमर समस्या के बारे में उदबोधन दिया गया।

समिति के बैठक में देश के सभी राज्योंसे कार्यकर्ता भगिनी उपसिथत थे। समिति के ओर से आगामी वर्ष युवती प्रेरणा वर्ष के रूप में देश भर में मनाया जाएगा। इस बैठक को प्रमुख कार्यवाहिका सुश्री सीता गायत्री अन्नदानम सहित अनेक पदाधिकारीयों का मार्गदर्शन मिला।

साभार-

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें