नगर अयोध्या के राजा दशरथ का हमको लाल चाहिए,
लक्ष्मण भरत शत्रुध्न भाई सीता का सौभाग्य चाहिए।
बल सुन्दरता शील गुणों का वह सच्चा आधार चाहिये,सुखों भरा वह प्रजातन्त्र का रामराज्य साकार चाहिये।।1।।
माता कौशल्या का वेटा धीर वीर रणधीर चाहिए,
रावण का बध करने वाला मर्यादा प्रणवीर चाहिए।।2।।
भारत के सुंदर भावों को एक अनोखी लीक चाहिये,तम का नाशक तेज प्रकाशक युद्द्वीर निर्भीक चाहिए।।3।।
इस भूतल को स्वर्ग बनाने सभी गुणों का धाम चाहिए,
सीमा की रक्षI के हित में आज देश को राम चाहिए।।4।।
नगर अयोध्या-----
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